न्यूट्रॉफिल क्या है?(Neutrophils Kya Hai) | Neutrophils In Hindi :- आज हम जानेंगे इस लेख के माध्यम से न्यूट्रॉफिल क्या है? (What Is Neutrophils in hindi) | Neutrophils In Hindi इससे जुड़ी सभी जानकारी के बारे में हमलोग विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करने वाले हैं।
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न्यूट्रोफिल्स का मतलब क्या है? (Neutrophils Meaning In Hindi)
न्यूट्रॉफिल क्या है?(Neutrophils Kya Hai) | Neutrophils In Hindi :- सबसे पहले हम सभी लोगों के मन में ये सवाल आता होगा कि “Neutrophils Meaning In Hindi” इसका मतलब क्या होता है? जैसे की हम सभी लोग जानते हैं कि जब हमारे शरीर में किसी भी प्रकार का इंफेक्शन, वायरस या बैक्टीरिया का आक्रमण होता है।
उस समय हमारे शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं किसी भी व्यक्ति को वायरस से बचाता है। न्यूट्रॉफिल निम्न स्तर के असामान्य रूप को Neutropenia कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो न्यूट्रोफिल्स ये एक प्रकार के सफेद रक्त कोशिकाएं होती है।
आप लोग अच्छे तरीके से समझ गए हैं कि न्यूट्रोफिल्स क्या है? (Neutrophils in hindi) वयस्कों के खून में 1500 से कम प्रति माइक्रोलीटर की गणना होने पर इसे न्यूट्रोपेनिया कहा जाता है।
आप लोगों को बता दूं कि यह उम्र के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। अगर औसतन न्यूट्रोफिल को देखा जाए तो कुछ लोगों में यानी कि तुलना करने पर कम पाया जाता हैं। हमलोग यहां पर जानें कि न्यूट्रोफिल्स का मतलब क्या है? Neutrophils In Hindi बारे में।
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शरीर में न्यूट्रोफिल कितना होना चाहिए? (How many neutrophils should be in the body)
Neutrophils In Hindi :- इससे पहले हमलोग जाने कि न्यूट्रॉफिल क्या है? (Neutrophils In Hindi) चलिए अब हमलोग जानेंगे कि हमारे शरीर में Neutrophils की मात्रा कितनी होनी चाहिए(How many neutrophils should be in the body?)
ताकि जब भी कभी हमलोग बीमार पड़ जाए तो हमारे शरीर में जितने भी मौजूद बैक्टीरिया होते हैं जिससे कि न्यूट्रोफिल हमलोगों को बचा पाएं।
अगर हमारे शरीर में न्यूट्रोफिल कितना होना चाहिए इसे प्रतिशत में देखा जाए तो हमारे शरीर में न्यूट्रोफिल की मात्रा 40 से 70 % के मध्य होने चाहिए।
न्यूट्रोपेनिया के लक्षण क्या क्या है? (What Is Neutropenia Symptoms in hindi)
Neutrophils In Hindi :- न्यूट्रोपेनिया के लक्षण क्या क्या है? (What Is Neutropenia Symptoms in hindi) न्यूट्रोपेनिया में कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं जब हम लोग खून जांच करवाते हैं या किसी अन्य चीज जांच करवाते हैं तो उस समय पता चलता है। न्यूट्रोपेनिया बिमारी से संबंधित निम्नलिखित लक्षणों को देखने को मिलता है :-
ठंडा लगना | |
पेट दर्द होना | |
ज्यादा पसीना आना | |
खांसी होना | |
सांस लेने में दिक्कत होना | |
तेज बुखार होना | |
उल्टी-दस्त होना | |
दांत में दर्द होना | |
मुंह एवं गले में दर्द होना | |
पेशाब में जलन होना इत्यादि लक्षण देखने को मिलते हैं। |
एक लम्बे समय से बिमार में संक्रमित रहते हैं तो फेब्राइल न्यूट्रोपेनिया होने की खतरा बहुत ही ज्यादे बढ़ जाते हैं, इसे न्यूट्रॉपेनिक सेप्सिस भी कहते हैं। ये एक प्रकार का इमरजेंसी है।
जो कि कैंसर की उन मरीजों के लिए होती है जिन लोगों का किमोथेरेपी से इलाज चलते हैं।
न्यूट्रोफिल टेस्ट क्या होता है? (What is Neutrophil Test In Hindi)
न्यूट्रॉफिल क्या है?(Neutrophils Kya Hai) | Neutrophils In Hindi :- ज्यादातर लोगों के मन में न्यूट्रोफिल टेस्ट क्या होता है? ये एक प्रकार का Test होता है जिससे कि Neutrophils Test कहते हैं। जैसे कि हमलोग जिस तरह खून की जांच करवाते हैं।
उसी प्रकार से आप लोगों को बता दूं कि खून जांच भी बहुत से प्रकार के अलग-अलग होते हैं। इस प्रकार के खून की जांच आपलोगों के बिमारी के ऊपर निर्भर करता है ।
आपलोग किस बीमारी से पीड़ित है उसकी के आधार पर अलग-अलग प्रकार की खून की जांच की जाती है। इससे हमलोग यही जानकारी प्राप्त की न्यूट्रोफिल टेस्ट क्या होता है?
न्यूट्रोपेनिया के क्या क्या कारण है? (What causes neutropenia)
हमलोग जाने कि न्यूट्रॉफिल Kya Hai अब जानेंगे कि न्यूट्रोपेनिया के क्या क्या कारण है? आप लोगों को बता दूं कि न्यूट्रोपेनिया के निम्नलिखित कारण है :-
- संक्रमण :- इसमें कुछ मामले बैक्टीरिया संक्रमण न्यूट्रोपेनिया के कारण हो सकते हैं। इसमें वायरस से संक्रमित ज्यादातर मामले देखे जाते हैं। जैसे कि – एपस्टीन बार, टीवी, मलेरिया, HIV ऐड्स इत्यादि शामिल हैं।
- रेडिएशन थेरेपी :- रक्त में मौजूद न्यूट्रोफिल कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने का कारण रेडिएशन थेरेपी की वजह से भी कई बार देखे जाते हैं।
- विटामिन “बी12” की कमी :- न्यूट्रोपेनिया का कारण फाॅलेज की कमी के कारण या B12 की कमी के कारण मेगालोब्लास्टिक एनिमिया भी है।
- फोन मेरो के रोगी :- कुछ रोग अस्थि मज्जा से संबंधित न्यूट्रोपेनिया का कारण हो सकते हैं। जैसे कि – Mylodisplastic Syndrome, Leukemia, Mylofibrosis.
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डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए (Doctor Ko Kab Dikhana Chahiye)
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए (Doctor Ko Kab Dikhana Chahiye) :- न्यूट्रोफिल रोगी से संक्रमित व्यक्ति को देख कर नहीं रहना चाहिए। क्योंकि रोगी के जान के लिए खतरा बन सकता है, जिससे कि रोगी के जान को बचाना बहुत ही महत्वपूर्ण है। जिसके लिए संक्रमित रोगी को जल्द से जल्द चिकित्सा कराना अनिवार्य है।
अगर ऊपर में बताएं गए किसी भी लक्षण को देखने को मिल रहा है तो डॉक्टर से सही जांच करवाएं। जिससे कि रक्त में न्यूट्रोफिल कोशिकाओं की संख्याओं को पता लगाया जा सके।
जब कभी भी खून जांच करवाते वक्त या किसी अन्य जांच करवाते वक्त अगर न्यूट्रोफिल की कमी पाई जाती है तो जल्दी से जल्दी डॉक्टर से संपर्क करें।
न्यूट्रोफिल बढ़ने का क्या कारण है? (What causes neutrophils to increase?)
न्यूट्रोफिल बढ़ने का क्या कारण है? (What causes neutrophils to increase?) :- हमारे शरीर में जब Neutrophils की मात्रा 70% से अधिक हो जाती है उस समय Neutrophils की मात्रा बढ़ जाती है, तब इसे Neutrophillia के नाम दिया जाता है। न्यूट्रोफिल बढ़ने का क्या कारण है? न्यूट्रोफिल बढ़ने का निम्नलिखित कारण है :-
- न्यूट्रोफिल बढ़ने का क्या कारण है? जब कभी भी किसी व्यक्ति को बैक्टीरियल/ इंफेक्शन होता है,तब उस समय बैक्टीरियल से संघर्ष करने का काम शुरूआत में न्यूट्रोफिल के द्वारा किया जाता है। इस स्थिति के दौरान न्यूट्रोफिल की मात्रा हमारे शरीर में बढ़ने लगती है।
- जब हमलोग कभी भी किसी भी दिन अधिक Exercise कर लेते हैं यानी कि मेरे कहने का तात्पर्य यही है कि किसी दिन हमलोग काम को बहुत अधिक मात्रा करते हैं उस वक्त हमारे शरीर में न्यूट्रोफिल काफी मात्रा में बढ़ जाती है।
- हमारे शरीर में किसी भी प्रकार का कोई भी इंफेक्शन हो जाता है तो इससे भी न्यूट्रोफिल बढ़ जाती है।
- गर्भवती महिलाओं में न्यूट्रोफिल अधिक होती है।
- न्यूट्रोफिल बढ़ने का कारण ये भी है कि कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वो व्यक्ति का भी अत्यधिक मात्रा न्यूट्रॉफिल बढ़ने जाता है।
- अगर किसी व्यक्ति को सर्जरी हुआ है यानी कि किसी प्रकार का कोई ऑपरेशन हुआ है तो उस व्यक्ति में न्यूट्रोफिल की मात्रा बढ़ जाती है।
- जब किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक होता है या तो दिल का दौरा पड़ता है तो स्थिति में भी शरीर में न्यूट्रोफिल बढ़ जाती है।
हमने न्यूट्रोफिल बढ़ने के कुछ कारण बताएं। इनके अलावा भी बहुत से प्रकार के भिन्न-भिन्न बीमारियां होते हैं जिसके वजह से हमारे शरीर में Neutrophils की मात्रा बढ़ जाती है।
न्यूट्रॉफिल कैसे कम करें? (How To Reduce Neutrophils)
न्यूट्रॉफिल कैसे कम करें? (How To Reduce Neutrophils) :- जब आपलोग जांच करवाते हैं तो आपकी रिपोर्ट में Neutrophils की मात्रा अत्यधिक पाया जाता है उस समय भूल से भी आपलोग किसी घरेलू उपाय के चक्कर में मत पड़िए। में आपलोगों को सलाह दूंगा कि किसी अच्छे डॉक्टर से मिलिए।
जिससे कि आपलोगों को अच्छे से बता देंगे डॉक्टर किस कारण से आपके शरीर में न्यूट्रॉफिल की मात्रा बढ़ी हुई है। और डाॅक्टर जो बतायेगा उसी के अनुसार दवाईयां भी चलाएंगे।
न्यूट्रोफिल क्यों घट जाता है? (Why do neutrophils decrease)
न्यूट्रोफिल क्यों घट जाता है? (Why do neutrophils decrease) :- आईए हमलोग जानते हैं कि न्यूट्रोफिल क्यों घट जाता है? हमारे शरीर में जब न्यूट्रोफिल की मात्रा घट जाती है तो घटने के बाद हमारे शरीर में न्यूट्रोफिल की मात्रा 30% से कम हो जाते है, इसे Neutropenia कहा जाता हैं।
- Aplastic Anemia ये एक बहुत ही खतरनाक बीमारी होते हैं जिससे कि हमारे शरीर में न्यूट्रोफिल की मात्रा घट जाती है।
- किसी व्यक्ति का केमोथेरपी से पीड़ित हैं और इसके इलाज चल रहा है और इसके कारण इसे कीमोथेरेपी का इंजेक्शन दिए जाते है तो उस वक्त हमारे शरीर में न्यूट्रोफिल की मात्रा घट जाती हैं।
शरीर में न्यूट्रोफिल कहां बनता है? (Where are neutrophils made in the body)
शरीर में न्यूट्रोफिल कहां बनता है? (Where are neutrophils made in the body) :- ये सभी लोगों के मन में ये सवाल आता होगा है कि शरीर में न्यूट्रोफिल कहां बनता है? आप लोगों को बता दूं कि जब हमारे शरीर में न्यूट्रोफिल उपलब्ध रहते हैं बोन मैरो के द्वारा बनता है, जबकि बोन मैरो के द्वारा हमारे शरीर में नया खून का निर्माण करता है एवं न्यूट्रोफिल इसी खून के श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक भाग है।
न्यूट्रोफिल की जांच कैसे करवाएं? (How to get tested for neutrophils?)
न्यूट्रोफिल की जांच कैसे करवाएं? (How to get tested for neutrophils?) :- इससे पहले हमलोग जाने कि शरीर में न्यूट्रोफिल कहां बनता है? न्यूट्रोफिल की जांच करवाने के लिए हमलोग किसी ऐसे क्लीनिक पर जाते हैं जहां पर रक्त जांच होते हैं और वहां पर जाकर आसानी से न्यूट्रोफिल की जांच करवा सकते हैं।
न्यूट्रोफिल की जांच करवाने के बाद रिपोर्ट को डॉक्टर के पास ले जाकर दिखाना है डॉक्टर इस चीज के बारे में जो सलाह देंगे और दवाइयां जो देंगे उसे सही तरीके से चलाना है।
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NOTE :-
इंटरनेट से जानकारी प्राप्त करके अपने घर में खुद डॉक्टर बनने की कोशिश ना करें। क्योंकि ऐसी कोशिश करने पर यह आपके जान के लिए घातक हो सकता है। इंटरनेट से मिली जितनी भी जानकारी है, यह सिर्फ आपलोगो के बेसिक नॉलेज के लिए उपलब्ध कराई जाती है। अगर आप ऐसी किसी समस्या से ग्रसित है तो किसी अच्छे डॉक्टर से मिलकर उनके दिए गए दवाइयों का ही इस्तेमाल करें।
Conclusion (निष्कर्ष) :-
न्यूट्रॉफिल क्या है?(Neutrophils Kya Hai) | Neutrophils In Hindi :- दोस्तों इस लेख के माध्यम से काफी कुछ सीखने को मिला जैसे कि :-
- न्यूट्रॉफिल क्या है? (Neutrophils In Hindi)
- न्यूट्रोफिल्स का मतलब क्या है? (Neutrophils Meaning In Hindi)
- शरीर में न्यूट्रोफिल कितना होना चाहिए?
- न्यूट्रोपेनिया के क्या क्या कारण है?
- न्यूट्रोपेनिया के लक्षण क्या क्या है?
- न्यूट्रोफिल टेस्ट क्या होता है?
- डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
- न्यूट्रोफिल बढ़ने का क्या कारण है?
- न्यूट्रॉफिल कैसे कम करें?
- शरीर में न्यूट्रोफिल कहां बनता है?
- न्यूट्रोफिल की जांच कैसे करवाएं?
न्यूट्रॉफिल क्या है?(Neutrophils Kya Hai) | Neutrophils In Hindi :- अगर यह लेख आप लोगों को पसंद आया है तो कमेंट कर बताएं और इससे जुड़ी कोई भी सवाल हो तो कमेंट कर पूछ सकते हैं।
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